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Thursday, June 25, 2020

कुफ़्रिया कलिमात का बयान पार्ट- 8

📚फ़र्ज़ उलुम 71
🔖अक़ाइद का बयान पार्ट - 71

             بسم الله الرحمن الرحيم
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ

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 ⭕कुफ़्रिया कलिमात का बयान (पार्ट 8)

🍃सवाल🍂: तजदीदे ईमान का तरीका बता दीजिए?
🍂जवाब🍃: जिस कुफ़्र से तौबा मक़सूद है उसी वक़्त मक़बूल होगी जबकि उस कुफ़्र को कुफ़्र तस्लीम करता हो और दिल में उस कुफ़्र से नफरत व बेज़ारी भी हो। जो कुफ़्र सरज़द हुआ तौबा में उसका तज़किरा भी हो। तौबा के लिए यूँ कहे: या अल्लाह عَزَّوَجَلَّ ! मैंने जो फलाँ कुफ़्र बोला है इस कुफ़्र से तौबा करता हूँ। 
لَآ اِلٰهَ اِلَّااللهُ مُحَمَّد رَّسُولُ اللہ ﷺ
(अल्लाह عَزَّوَجَلَّ के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं मुहम्मद ﷺ अल्लाह عَزَّوَجَلَّ के रसूल हैं), इस तरह मख़सूस कुफ़्र से तौबा भी हो गई और तजदीदे ईमान भी।
अगर معاذاللہ عَزَّوَجَلَّ कई कुफ़्रियात बके हो और याद न हो कि क्या क्या बका है तो यूँ कहे: या अल्लाह عَزَّوَجَلَّ ! मुझसे जो जो कुफ़्रियात सादिर हुए है मैं उन से तौबा करता हूँ, फिर कलमा पढ़ ले। (अगर कलमा शरीफ का तर्जुमा मालूम है तो ज़बान से तर्जुमा दोहराने की हाजत नहीं)।
अगर मालूम ही नहीं कि कुफ़्र बका भी है या नहीं तब भी अगर एहतियातन तौबा करना चाहे तो इस तरह कहे: या अल्लाह عَزَّوَجَلَّ ! अगर मुझसे कोई कुफ़्र हो गया हो तो मैं उससे तौबा करता हूँ। येह कहने के बाद कलमा पढ़ ले।


अगली पोस्ट में जारी रहेगा انشاءاللہ

📓 फैज़ान ए फ़र्ज़ उलूम अव्वल
मुसन्निफ़ - हज़रत अल्लामा मौलाना मुफ़्ती हाशिम अत्तारी अल मदनी دامت برکاتہم العالیہ

🌹ख़ानक़ाह ए अशरफ़ीया सरकार ए बुरहानपुर🌹

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