📚फ़र्ज़ उलुम 72
🔖अक़ाइद का बयान पार्ट - 72
بسم الله الرحمن الرحيم
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
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⭕कुफ़्रिया कलिमात का बयान (पार्ट 9)⭕
🍃सवाल🍂: तजदीदे निकाह कैसे किया जाए?
🍂जवाब🍃: इसके लिए लोगों को इकट्ठा करना ज़रूरी नहीं। निकाह नाम है इजाब व क़ुबूल का। हाँ बवक़्ते निकाह बतौरे गवाह कम अज़ कम दो मर्द मुसलमान या एक मर्द मुसलमान और दो मुसलमान औरतों का हाज़िर होना लाजमी है। खुतबाए निकाह शर्त नहीं बल्कि मुस्तहब है। खुतबा याद न हो तो اعوذ باللہ और بسم اللہ शरीफ के बाद सूरह फातेहा भी पढ़ सकते है। कम अज़ कम दस दिरहम यानी दो तोला साढ़े सात माशा चाँदी ( मौजूदा वज़न के हिसाब से 30 ग्राम 618 मिलीग्राम चाँदी) या उसकी रकम महर वाजिब है। अब मज़कूरा गवाहों की मौजूदगी में आप " इजाब" कीजिए यानी औरत से कहिए : मैंने (30 ग्राम 618 मिलीग्राम चाँदी की कीमत जो हो ) रुपये महर के बदले आपसे निकाह किया। औरत कहे: मैंने क़ुबूल किया। निकाह हो गया। येह भी हो सकता है कि औरत "इजाब" करे और मर्द कहे: मैंने क़ुबूल किया" निकाह हो गया। बाद निकाह अगर औरत चाहे तो महर मुआफ़ भी कर सकती है। मग़र मर्द बिला इज़ाज़ते शरअई औरत से महर माफ करने का सवाल न करे।
कुफ़्रिया कलिमात का बयान मुक़म्मल हुआ अब انشاءاللہ सहाबए किराम رَضِىَ اللهُ تَعَالىٰ عَنْھُم के बारे में पोस्ट होगी।
📓 फैज़ान ए फ़र्ज़ उलूम अव्वल
मुसन्निफ़ - हज़रत अल्लामा मौलाना मुफ़्ती हाशिम अत्तारी अल मदनी دامت برکاتہم العالیہ
🌹ख़ानक़ाह ए अशरफ़ीया सरकार ए बुरहानपुर🌹
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