Categories

Sunday, June 7, 2020

कुफ़्रिया कलिमात का बयान पार्ट- 3

📚फ़र्ज़ उलुम 66
🔖अक़ाइद का बयान पार्ट - 66

             بسم الله الرحمن الرحيم
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ

〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰

 ⭕कुफ़्रिया कलिमात का बयान (पार्ट 3)

जारी...

📌(6) जो शख़्स हुज़ूरे अक़दस ﷺ को तमाम अम्बिया में आखिरी नबी न जाने या हुज़ूर ﷺ की किसी चीज़ की तौहीन करे या ऐब लगाए आपके मुए मुबारक (बाल मुबारक) को तहक़ीर (यानी हकारत) से याद करे आपके लिबास मुबारक को गन्दा और मेला बताए हुज़ूर ﷺ के नाखून बड़े बड़े कहे ये सब कुफ़्र है।
यूँही किसी ने ये कहा कि हुज़ूरे अक़दस ﷺ खाना तनावुल फरमाने के बाद तीन बार अंगुश्तहाए मुबारक (यानी मुबारक उंगलिया) चाट लिया करते थे, इस पर किसी ने कहा ये अदब के खिलाफ है या किसी सुन्नत की तहक़ीर (यानी तौहीन) करे मसलन दाढ़ी बढ़ाना, मूँछे कम करना, इमामा बाँधना या शम्ला लटकाना इनकी इहानत (या'नी गुस्ताखी) कुफ़्र है जबकि सुन्नत की तौहीन मक़सूद हो।

📌(7)जिब्राइल या मीकाईल या किसी फरिश्ता को जो शख़्स ऐब लगाए या तौहीन करे कुफ़्र है। दुश्मन व मबगु़ज़ (यानी जिससे बुग्ज़ हो उस) को देख कर ये कहा कि मलकुल मौत आ गए या कहा इसे वैसा ही दुश्मन जानता हूँ जैसा मलकुल मौत को, इसमें अगर मलकुल मौत को बुरा कहना है तो कुफ़्र है और मौत की नापसंदगी की बिना पर है तो कुफ़्र नहीं।

अगली पोस्ट में जारी रहेगा انشاءاللہ

📓 फैज़ान ए फ़र्ज़ उलूम अव्वल
मुसन्निफ़ - हज़रत अल्लामा मौलाना मुफ़्ती हाशिम अत्तारी अल मदनी دامت برکاتہم العالیہ

🌹ख़ानक़ाह ए अशरफ़ीया सरकार ए बुरहानपुर🌹

No comments:

Post a Comment

महबूबाने ख़ुदा का वसीला पार्ट - 6

📚फ़र्ज़ उलुम 106 🔖अक़ाइद का बयान पार्ट - 106              بسم الله الرحمن الرحيم الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰  🌺 महबूबाने...