📚फ़र्ज़ उलुम 68
🔖अक़ाइद का बयान पार्ट - 68
بسم الله الرحمن الرحيم
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
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⭕कुफ़्रिया कलिमात का बयान (पार्ट 5)⭕
जारी....
📌(10) इस किस्म की बातें जिनसे रोज़ा की हतक व तहक़ीर हो कहना कुफ़्र है मसलन रोज़ाए रमज़ान नहीं रखता और कहता ये है कि रोज़ा वो रखें जिसे खाना न मिले या कहता है जब खुदा ने खाने को दिया है तो भूखे क्यों मरे।
📌(11) इल्मे दीन और उलमा की तौहीन बे सबब यानी मह्ज़ इस वजह से कि आलिमे इल्मे दीन है कुफ़्र है। यूँही आलिमे दीन की नक़्ल करना मसलन किसी को मिम्बर वगैरा किसी ऊंची जगह बिठाए और उस से मसाइल बतौर इस्तिह्ज़ा दरयाफ्त करे फिर उसे तकया वगैरा से मारे और मज़ाक़ बनाए येह कुफ़्र है।
📌(12) शरअ़ की तौहीन करना कुफ़्र है मसलन कहे में शरअ़ वरअ़ नहीं जानता या आलिमे दीन मोहतात का फ़तवा पेश किया गया उसने कहा में फ़तवा नहीं मानता या फ़तवा को ज़मीन पर पटक दिया। किसी शख़्स को शरीअत का हुक़्म बताया कि इस मुआमले में येह हुक़्म है उसने कहा हम शरीअत पर अमल नहीं करेंगे हम तो रस्म की पाबन्दी करेंगे ऐसा कहना बाज़ मशाइख़ के नज़दीक कुफ़्र है।
📌(13) मुसलमान को कलिमाते कुफ़्र की तालीम व तलक़ीन करना कुफ़्र है अगर्चे खेल और मज़ाक में ऐसा करे। किसी को कुफ़्र की तालीम की और येह कहा तू क़ाफ़िर हो जा, तो वो कुफ़्र करे या न करे, येह कहने वाला क़ाफ़िर हो गया।
अगली पोस्ट में जारी रहेगा انشاءاللہ
📓 फैज़ान ए फ़र्ज़ उलूम अव्वल
मुसन्निफ़ - हज़रत अल्लामा मौलाना मुफ़्ती हाशिम अत्तारी अल मदनी دامت برکاتہم العالیہ
🌹ख़ानक़ाह ए अशरफ़ीया सरकार ए बुरहानपुर🌹
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