📚फ़र्ज़ उलुम 75
🔖अक़ाइद का बयान पार्ट - 75
بسم الله الرحمن الرحيم
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
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⭕सहाबए किराम رَضِىَ اللهُ تَعَالىٰ عَنْھُم (पार्ट 3)⭕
🍃सवाल🍂: क्या तमाम सहाबा जन्नती है?
🍂जवाब🍃: जी हाँ! तमाम सहाबए किराम जन्नती हैं वो जहन्नम की भेंक ( हल्की आवाज़ भी) न सुनेगें और हमेशा अपनी मन मानती मुरादों में रहेंगे, महशर की वो बड़ी घबराहट इन्हें गमगीन न करेगी, फ़रिश्ते इनका इस्तक़बाल करेंगे कि येह है वो दिन जिसका तुम से वादा था, येह सब मज़मून क़ुरआने अज़ीम का इरशाद है।
🍃सवाल🍂: सहाबए किराम رَضِىَ اللهُ تَعَالىٰ عَنْھُم की लग्ज़िशों पर उनकी गिरफ्त करना कैसा है?
🍂जवाब🍃: सहाबए किराम رَضِىَ اللهُ تَعَالىٰ عَنْھُم अम्बिया न थे, फ़रिश्ते न थे कि मासूम हों। उनमें बाज़ के लिए लग्ज़िश हुई मगर उनकी किसी बात पर गिरफ्त अल्लाह عَزَّوَجَلَّ व रसूल ﷺ के खिलाफ है। अल्लाह عَزَّوَجَلَّ ने "सूरह हदीद" में जहां सहाबा की दो किस्में फरमाई मोमिनीन क़ब्ले फतहे मक्का और बादे फतहे मक्का और उनको इन पर तफ़ज़ील दी इरशाद और फ़रमा दिया: 【 وَ كُلًّا وَّعَدَ اللّٰهُ الْحُسْنٰى】तर्जुमा: सबसे अल्लाह ने भलाई का वादा फ़रमा लिया।
साथ ही इरशाद फरमाया दिया : 【وَ اللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ خَبِیْرٌ】तर्जुमा: अल्लाह खूब जानता है जो कुछ तुम करोगे।
(पारह 27, सूरह अल हदीद, आयत 10)
तो जब उसने उनके तमाम आमाल जान कर हुक़्म फ़रमा दिया कि उन सबसे हम जन्नते बे अज़ाब व करामत व सवाब का वादा फ़रमा चुके तो दूसरे को क्या हक़ रहा कि उनकी किसी बात पर तान करे..?! क्या तान करने वाला अल्लाह عَزَّوَجَلَّ से जुदा अपनी मुस्तकिल हुक़ूमत क़ाइम करना चाहता है।
अगली पोस्ट में जारी रहेगा انشاءاللہ
📓 फैज़ान ए फ़र्ज़ उलूम अव्वल
मुसन्निफ़ - हज़रत अल्लामा मौलाना मुफ़्ती हाशिम अत्तारी अल मदनी دامت برکاتہم العالیہ
🌹ख़ानक़ाह ए अशरफ़ीया सरकार ए बुरहानपुर🌹
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