📚फ़र्ज़ उलुम 102
🔖अक़ाइद का बयान पार्ट - 102
بسم الله الرحمن الرحيم
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
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🌺महबूबाने खुदा का वसीला (पार्ट 2)🌺
जारी...
🔸 बेअसत से पहले हुज़ूर ﷺ का वसीला:
हुज़ूर ﷺ की बेअसत से क़ब्ल यहूदी उनके तवस्सुल से दुआ करते थे, क़ुरआन पाक में है
{وَ لَمَّا جَآءَهُمْ كِتٰبٌ مِّنْ عِنْدِ اللّٰهِ مُصَدِّقٌ لِّمَا مَعَهُمْۙ-وَ كَانُوْا مِنْ قَبْلُ یَسْتَفْتِحُوْنَ عَلَى الَّذِیْنَ كَفَرُوْا}
तर्जुमा कंजुल ईमान: और जब उनके पास अल्लाह की वो किताब (क़ुरआन) आई जो उनके साथ वाली किताब (तौरेत) की तस्दीक फरमाती है और इससे पहले वो उसी नबी के वसीले से काफिरों पर फतह माँगते थे।
(सूरह बक़रह, आयत 89)
इमाम इब्ने जरीर तबरी رحمۃاللہ تعالیٰ علیہ (मुतवफ्फा 310 हि) इस आयत की तफ़्सीर में फरमाते है:
हज़रत इब्ने अब्बास رَضِىَ اللهُ تَعَالىٰ عَنْهُ से रिवायत है फरमाते है: यहूदी रसूलअल्लाह ﷺ की बेअसत से पहले आप ﷺ के वसीले से औस और ख़ज़रज कबीलों पर फतह हासिल करने के लिए दुआएं करते थे, जब हुज़ूर ﷺ अरब में मबउस हुए तो इन्होंने आपके साथ कुफ्र किया और जो कहते थे उसका इन्कार कर दिया। हज़रत माअज़ बिन जबल और बनी सलमा के भाई बशर बिन बराअ बिन मुआविर ने कहा: ए यहूदियों! अल्लाह से डरो और इस्लाम क़ुबूल करलो, तुम मुहम्मद मुस्तफ़ा ﷺ के वसीले से हम पर फतह मांगते रहे हो और उस वक़्त हम मुशरिक थे और तुम हमें बताते थे कि वो मबउस होने वाले है और हमे उनकी सिफ़ात बयान करते थे।
अगली पोस्ट में जारी रहेगा انشاءاللہ
📓 फैज़ान ए फ़र्ज़ उलूम 2
मुसन्निफ़ - हज़रत अल्लामा मौलाना मुफ़्ती हाशिम अत्तारी अल मदनी دامت برکاتہم العالیہ
🌹ख़ानक़ाह ए अशरफ़ीया सरकार ए बुरहानपुर🌹
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