📚फ़र्ज़ उलुम 95
🔖अक़ाइद का बयान पार्ट - 95
بسم الله الرحمن الرحيم
الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
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💫इल्मे ग़ैब (पार्ट 5)💫
जारी.......
🔹जो चाहो पूछो:
सहीह बुख़ारी में है: हज़रत अबु मूसा अशअरी رضی اللہ تعالٰی عنه से रिवायत है, फरमाते है: नबी अकरम ﷺ से ऐसे सवालात किए गए जो आपको नापसन्द थे, जब सवालात ज्यादा होने लगे तो आप नाराज़ हो गए, फिर लोगों से फरमाया जो चाहो मुझसे पूछ लो। एक शख़्स अर्ज़गुज़ार हुआ: मेरा बाप कौन है? फरमाया: तेरा बाप हुजैफा है। एक दूसरा आदमी खड़ा होकर अर्ज़ करने लगा: या रसूलअल्लाह ﷺ मेरा वालिद कौन है? फ़रमाया: तुम्हारा वालिद सालिम शैबा का आज़ाद करदा गुलाम है, जब हज़रत उमर رضی اللہ تعالٰی عنه ने आप ﷺ के चेहरा ए अक़दस पर गज़ब के आसार देखे तो अर्ज़ किया: या रसूलअल्लाह ﷺ ! हम अल्लाह عزوجل की तरफ तौबा करते हैं।
🔸हर चीज़ का इल्म:
जामीअत तिर्मिज़ी शरीफ़ वगेरा कुतुब कसीरा में बअसानिदे अदीदा व तुरूके मतनुआ दस सहाबए किराम رضی اللہ تعالی عنھم से है कि रसूलअल्लाह ﷺ ने फरमाया: मैंने अल्लाह عزوجل का दीदार किया, अल्लाह तआला ने अपना दस्ते क़ुदरत मेरे कंधों के दरमियान रखा, मैंने उसकी ठंडक अपने सीने में महसूस की, पस मेरे लिए हर चीज़ रोशन हो गई और मैंने हर चीज़ को पहचान लिया।
इमाम तिर्मिज़ी इस हदीस के मुताल्लिक़ फरमाते है: येह हदीस हसन सहीह है, मैंने इमाम बुखारी से इस हदीस के बारे में सवाल किया तो उन्होंने फ़रमाया: येह हदीस हसन सहीह है।
🔹 ज़मीन व आसमान का इल्म:
एक रिवायत के अल्फ़ाज़ येह है: मैंने जान लिया जो कुछ आसमानों और ज़मीन में है
इल्मे ग़ैब का बयान मुकम्मल हुआ अगली पोस्ट में انشاءاللہ हयाते अम्बिया का बयान पोस्ट होगा।
📓 फैज़ान ए फ़र्ज़ उलूम अव्वल
मुसन्निफ़ - हज़रत अल्लामा मौलाना मुफ़्ती हाशिम अत्तारी अल मदनी دامت برکاتہم العالیہ
🌹ख़ानक़ाह ए अशरफ़ीया सरकार ए बुरहानपुर🌹
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